राष्ट्रीय इंटर कालेज श्यामपुर के कक्षा बारह के छात्र के आत्महत्या मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने प्रधानाचार्य के खिलाफ छात्र को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा दर्जकर जांच शुरू कर दी है। इससे पूर्व छात्र के परिजनों ने प्रधानाचार्य पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए जमकर काटा। हंगामे के कारण इंटर कालेज में पठन पाठन का कार्य नहीं हो सका।
मालूम हो कि सोमवार को गाजीवाला निवासी 12वीं के छात्र मनीष पुत्र खुशीराम भट्ट का शव तार के फंदे के सहारे घर में झूलता हुआ मिला था। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। मंगलवार सुबह मनीष की बहन मीनाक्षी, भाई दीपक ग्रामीणों के साथ विद्यालय पहुंचे।
परिजनों ने प्रधानाचार्य उपेंद्र कुमार पर आरोप लगाया कि सोमवार को स्कूल में देरी से पहुंचने पर मनीष को डांटा था। इतना ही नहीं प्रधानाचार्य ने उससे पूरे स्कूल में झाड़ूू भी लगर्वाई। परिजनों का कहना था कि सार्वजनिक रूप से डांटने और दंड देने से क्षुब्ध होकर मनीष तनाव में आ गया। इसी तनाव में मनीष ने आत्महत्या की।
हंगामा होने की सूचना मिलने पर एसडीएम कुश्म चौहान, सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह, एसओ दीपक कठैत मौके पर पहुंच गए। परिजन प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। मंगलवार को प्रधानाचार्य स्कूल ही नहीं पहुंचे थे। पुलिस अधिकारियों ने प्रधानाचार्य से मोबाइल फोन पर संपर्क साधा तो बताया कि वह आगामी मंगलवार तक अवकाश पर हैं।
एसडीएम और सीओ सिटी ने परिजन व ग्रामीणों को कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत किया। देर शाम को मनीष के पिता खुशीराम ने प्रधानाचार्य उपेंद्र कुमार के खिलाफ तहरीर दी। श्यामपुर थानाध्यक्ष दीपक कठैत ने बताया कि तहरीर के आधार पर प्रधानाचार्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
विभागीय जांच भी होगी
छात्र को प्रताड़ित करने के मामले में प्रधानाचार्य के खिलाफ विभागीय जांच भी होगी। स्कूल में हंगामे की सूचना पर मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. आनंद भारद्वाज भी पहुंचे थे। उन्होंने परिजनों से बातचीत की और आश्वासन दिया कि पूरे प्रकरण की विभागीय जांच करवाई जाएगी। जांच में यदि आरोप सही पाए गए तो कार्रवाई की जाएगी।
आरोपों को बताया निराधार
प्रधानाचार्य उपेंद्र कुमार का कहना है कि वे छात्र की मौत से बहुत आहत हैं। उनका कहना है कि छात्र के परिजनोें ने उन पर जो आरोप लगाए गए हैं वे निराधार हैं। वे पुलिस और विभागीय जांच के लिए तैयार हैं।